कुछ समय पहले 2020 में जब लॉकडाउन था। तो उस समय भारत सरकार ने बहुत सारे चाइनीस एप्स को ban किया था। जिसमें बड़े-बड़े एप्लीकेशन जैसे कि टिक टॉक पब्जी और अभी फ्री फायर को भी बैन कर दिया है।
तो दोस्तों यह खबर तो आप जानते ही होंगे। लेकिन अभी अभी एक और खबर निकल कर आई है। कि भारत सरकार कुछ और चाइनीस प्रोडक्ट को बंद करने का प्लानिंग बना रही है।
तो चलिए दोस्तों उस खबर को जानते हैं कि भारत सरकार चाइनीस प्रोडक्ट के खिलाफ और क्या करने वाला है।
भारत सरकार चाइनीस स्मार्टफोन को ban करने का खबर:
ब्लूमबर्ग एक अमेरिकन न्यूज़ कंपनी है जो दुनियाभर में क्या घटना हो रही है, जैसे कि world affairs, technology, sports, lifestyle, politics, इत्यादि के बारे में न्यूज़ देता है। अभी-अभी कुछ समय पहले ब्लूमबर्ग न्यूज की एक रिपोर्ट में बताया गया है।
कि भारत सरकार चाइनीस स्मार्टफोन जो ₹12000 से कम कीमत में भारतीय बाजार में बिक रही है उसे बैन करने का प्लानिंग किया जा रहा है।
चीनी स्मार्टफोन बहुत ही सस्ता होती है यह हमारे भारतीय बाजार में 12000 से कम कीमत में मिल जाती हैं ज्यादा xiaomi की फोन को सस्ते रेट बेची जाती है
जानिए चीनी कंपनियां भारत सरकार के निशाने पर क्यों है?
भारत सरकार क्यों चीनी कंपनियों को निशाने पर लेते हैं जा रहा है यहां पर रिसर्च के अनुसार कुछ जानकारियां मिली है जिन कारण से भारत सरकार चाइनीस कंपनी पर एक्शन ले रही है चलिए जानते हैं क्या क्या कारण है।
भारत में चीनी कंपनियों के बेहतरीन स्मार्टफोन सेल होती है लेकिन कंपनी अपने लाभ को नहीं दिखाती है। जबकि भारतीय बाजार के मार्केट शेयर को देखा जाए तो चीनी कंपनियों का बहुत ज्यादा है।
भारत में चीनी कंपनियों के टैक्स न देने का भी आरोप लगे हैं।
भारत सरकार चीनी कंप्लेंट सप्लायर के साथ समझाते हुए हैं पर भी जांच कर रही है।
भारतीय स्मार्टफोन ब्रांड की कमी का होना एजेंसियों के हाथ में है।
चीनी स्मार्टफोन इतनी सस्ती क्यों होती है?
दोस्त मैं आपको बता दूं कि चीनी स्मार्टफोन कंपनी के पीछे चीन के सरकार का हाथ होता है।
जिसमें चाइनीस कंपनी को बहुत ही सपोर्ट करता है और उन कंपनी जैसे कि xiaomi, वीवो, ओप्पो वनप्लस इत्यादि कंपनियां वहां की सरकार इन कंपनियों को बहुत ही ज्यादा सब्सिडी देती है।
इसीलिए वहां की की कंपनी का स्मार्टफोन इंडिया में बहुत ही सस्ती रेट में भेजी जाती है और इन कंपनियों के सामने भारत के स्माटफोन ब्रांड नहीं टिक पाते है।
चीनी कंपनी कुछ समय पहले अपने फोन को बहुत ही घाटे में भेज रही थी फिर भी वहां की सरकारें उनको सपोर्ट करता था।
ताकि एक बार भारतीय ब्रांड घुटने टेक दे उसके बाद चीनी कंपनी स्मार्टफोन बेचना स्टार्ट हो जाएगा फिर बाद में वहां के कंपनी धीरे-धीरे करके रेट को बढ़ाकर इंडिया में अपना मुनाफा कमा लेता है।
यही कारण है कि शो मी वीवो ओप्पो ओप्पो रियल मी और अन्य चीनी ब्रांड के मोबाइल फोन यहां पर सस्ती रेट में बेची जाती है।
भारत में चीनी कंपनियों का कितने प्रतिशत हिस्सेदारी है?:
Mobile Vendor Market Share in India – July
2022
Xiaomi – 26.32%
Samsung – 16.52%
Vivo – 15.89%
Realme – 13%
Oppo – 11.45%
Apple – 3.93%
बाजार में चीनी कंपनियों का दबदबा काफी समय से रहा है।
और उनकी दबदबा से भारतीय ब्रांड पर नींव कमजोर पड़ गई है। इससे हमारे भारतीय ब्रांड जैसे कि
लावा (Lava)
इंटेक्स (Intex)
माइक्रोमैक्स (Micromax)
कार्बन (Karbonn)
जोलो (Xolo)
लाइफ (Lyf)
वीडियोकॉन (Videocon)
आईबॉल (i-ball)
सेलकॉन (Celkon)
स्पाइस टेलीकॉम (Spice Telecom)
भारतीय बाजार में चीनी कंपनी के स्मार्टफोन का share बहुत ही ज्यादा है रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्मार्टफोन ब्रांड का share 10 % से कम है। चीनी ब्रांड देश के स्थानीय डिस्ट्रीब्यूशन सप्लायर से सीधे हाथ नहीं मिलाती है यह भी चीनी brand पर आरोप है।
चीनी ब्रांड पर प्रॉफिट ना दिखाने का आरोप लगे हैं:
हमारे देश में सभी कंपनियों ने साल के अंत में अपने प्रॉफिट लॉस और अपने कंपनी के डेव्हलपमेंट में कितने रुपए खर्चा किए हैं।
इन सभी का रिपोर्ट सरकार के सामने लिस्ट करती है लेकिन चीनी कंपनी अपने टैक्स न भरने के लिए है अपने प्रॉफिट को नहीं दिखाती है।
इसमें Vivo, Oppo, xiaomi, और कुछ अलग देश के ब्रांड शामिल है जबकि इन चीनी कंपनियों के बिक्री बहुत ही भरमार हुई है।
इन सभी कंपनियों के खामियों को देखते हुए भारत सरकार के ED और आईटी मंत्रालय ने इस पर कड़ी जांच करना शुरू कर दी है।
चीनी कंपनियों के 12000 रुपए की फोन बैन होने पर क्या फायदा होगा?
दोस्तों यदि सरकार ऐसा करती है तो हमारे देश की देसी ब्रांड की वाह-वाह हो जाएगी। क्योंकि 12000 के अंदर में भारतीय ब्रांड अपने फोन को बेच पाएंगे और वे लोग भी आगे बढ़ेंगे।
क्योंकि इसी सेगमेंट पर चीनी कंपनियों का फोन मार्केट में बहुत ही ज्यादा में मिलती है और इसी रेट पर हमारे देश के लोग स्मार्टफोन खरीदते हैं।
यदि ऐसा हो जाएगा तो चीनी कंपनियों को अपने मोबाइल फोन बेचने की स्ट्रैटेजी पर चेंज कर कर मोबाइल बेचना पड़ेगा तभी उनको फायदा मिलेगा।