परिमेय संख्याएँ वे संख्याएँ होती हैं जिनकी गिनती संख्यात्मक होती है और जिन्हें पूर्ण संख्याओं से प्रकट किया जा सकता है। इन संख्याओं को “परिमेय” कहा जाता है क्योंकि उनकी गिनती से यह स्पष्ट होता है कि यह एक निश्चित मात्रा में होती हैं और उन्हें सीमित रूप से प्रकट किया जा सकता है। परिमेय संख्याएँ अंश और दशमलव के रूप में प्रकट की जा सकती हैं और इन्हें आसानी से तुलना और मापन के लिए उपयोग किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
इसलिए, हमने देखा कि परिमेय संख्याएँ वे संख्याएँ होती हैं जो हमारे जीवन में मापन और तुलना के उदाहरण के रूप में उपयोगी होती हैं। इन संख्याओं की गिनती संख्यात्मक होती है और उन्हें सीमित रूप से प्रकट किया जा सकता है, जिससे हम उनका उपयोग अधिक आसानी से कर सकते हैं। चाहे वे अंश या दशमलव के रूप में हो, परिमेय संख्याएँ हमारे गणित और विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।