भारतीय ऐतिहासिक नगर रतनपुर में स्थित महामाया देवी मंदिर ने 900 वर्षों से भी अधिक का समय तय किया है।
इस मंदिर की वास्तुकला और सांस्कृतिक समृद्धि ने उसे दक्षिण-पूर्व भारत का सबसे धार्मिक-मनाया मंदिर बना दिया है।
महामाया देवी मंदिर, नगर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर के निर्माण कला का एक शानदार उदाहरण है।
इस मंदिर का निर्माण 18 इंच की मोटी सीमा और सोलह पत्थर के स्तंभों के आधार पर किया गया था।
यहां के इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के ध्यान को आकर्षित करने वाला 1 वीं शताब्दी ई.पू. का निर्माण हुआ था।
मंदिर के प्रमुख परिसर में सूर्य भगवान, भगवान हनुमान, और भगवान शिव की मूर्तियां स्थापित हैं।
महाकाली और भद्रकाली की छोटी मूर्तियां भी यहां पूजी जाती हैं, जो मंदिर को एक धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल बनाती हैं।
मंदिर की विशेषता में शामिल है विभिन्न युगों से आए गए मूर्तियों और रूपांकनों का इस्तेमाल।
नगर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर की शैली में बने इस मंदिर का संरचनात्मक और कलात्मक महत्त्व है।
रतनपुर के महामाया देवी मंदिर में समाहित शक्ति का अनुभव करने के लिए यह एक अद्वितीय स्थान है।
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